
National Solar Science Fellowship Programme
विवरण
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का “National Solar Science Fellowship Programme” फरवरी 2011 में शुरू किया गया था।
यह कार्यक्रम उन भारतीय वैज्ञानिकों के लिए है जो भारत के चुनिंदा प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उत्पाद विकास पर केंद्रित सौर ऊर्जा विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में काम करने के इच्छुक हैं।
राष्ट्रीय सौर विज्ञान फेलोशिप कार्यक्रम का उद्देश्य सौर ऊर्जा अनुसंधान के क्षेत्र में उच्च-गुणवत्ता वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को एक मंच प्रदान करना है, ताकि देश और विदेश में चिन्हित स्कूलों/संस्थानों में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग और विस्तार किया जा सके और बिजली उत्पादन सहित विभिन्न अंतिम उपयोगों के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग की जटिल समस्याओं का समाधान किया जा सके।
फेलोशिप प्रबंधन समिति: नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में मंत्रालय द्वारा एक फेलोशिप प्रबंधन समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रख्यात वैज्ञानिक सदस्य होंगे और प्रभारी वैज्ञानिक (मानव संसाधन विकास) संयोजक होंगे। फेलोशिप प्रबंधन समिति इस कार्यक्रम के तहत किए जाने वाले अनुसंधान के क्षेत्रों का निर्णय करेगी।
समिति फेलोशिप कार्यक्रम में भाग लेने के लिए संस्थानों की भी सिफारिश करेगी। समिति के विशेषज्ञ सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।
फेलोशिप की संख्या: किसी भी समय फेलोशिप की कुल संख्या केवल 10 तक सीमित होगी।
हालाँकि, कार्यक्रम के शुभारंभ के पहले वर्ष के दौरान केवल तीन फेलो का चयन किया जाएगा।
फेलोशिप की अवधि: फेलोशिप की अवधि प्रारंभ में दो वर्ष की होगी, जिसे फेलो द्वारा किए गए कार्य की प्रगति के आधार पर वर्ष-दर-वर्ष तीन वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है।
कार्यक्रम का प्रारंभ: राष्ट्रीय सौर विज्ञान फेलो बौद्धिक जिज्ञासा, उच्च-गुणवत्ता वाली छात्रवृत्ति और सौर ऊर्जा के अनुप्रयोग को समझने और उसका समाधान खोजने तथा आज देश के सामने मौजूद ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों का समाधान खोजने की इच्छाशक्ति द्वारा सौर ऊर्जा के अग्रणी क्षेत्रों में लगे शोधकर्ताओं का एक समुदाय तैयार करेंगे।
इस कार्यक्रम के माध्यम से, वे सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी सुविधाओं से लाभान्वित होंगे और बदले में, सौर ऊर्जा की तकनीकी समस्याओं का समाधान खोजने और क्षेत्र में उनके अनुप्रयोग में सरकार को लाभान्वित करेंगे, जिससे देश के ऊर्जा क्षेत्र में सौर ऊर्जा का स्पष्ट प्रभाव दिखाई देगा।